है योमे अष्टमी दिल पर खुशी सी छाई है
किशन के जन्म की सब को बहुत बधाई है
हुआ है मुज़्तरिब बातिल उदास रह्ता है
कज़ा के खौफ ने दिल मे जगह बनाई है
छिटक के गिर गयी ज़ंजीर खुल गये ताले
पिता की गोद में जल्वा किशन कन्हाई है
योमे- दिन , अष्टमी- आठवीं (योमे अष्टमी - जन्माष्टमी) ,
मुज़्तरिब- बेचैन , बातिल- जो सत्य न हो, झूठ, मिथ्या,
नियम-विरुद्ध,निकम्मा (यहा पर कंस के लिये या उस्के कार्य के अर्थ में)
क़ज़ा- म्रत्यु , खौफ- डर, जल्वा- विराजमान
Thursday, September 2, 2010
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छिटक के गिर गयी ज़ंजीर खुल गये ताले
ReplyDeleteपिता की गोद में जल्वा किशन कन्हाई है
अजमल भाई...लाजवाब...वाह...
नीरज
बहुत ही बेहतरीन, बेहद खूबसूरत ग़ज़ल लिखी है अजमल भाई.... बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeletesundar gazal wah wah....
ReplyDeletejanamashtmi ki badhaai.
हुआ है मुज़्तरिब बातिल उदास रह्ता है
ReplyDeleteकज़ा के खौफ ने दिल मे जगह बनाई है
लाजवाब कर देने वाला शेर है, किसी भी अत्य्चारी व्यक़्ति
के डर और उसकी लाचारी को सटीक पेश किया है.
(शायद कंस की यही दिमागी स्थिति रही होगी.)
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बहुत ही सुंदर गज़ल कही है
बधाई हो.
छिटक के गिर गयी ज़ंजीर खुल गये ताले
पिता की गोद में जल्वा किशन कन्हाई है
खूब्सूरत वाह वाह....
क़ौमी यक्जहती की ख़ूबसूरत मिसाल पेश की है आपने
ReplyDeleteअजमल साहेब, सलाम!
ReplyDeleteबेहद भाया आपका कलाम!
हिन्दू और मुसलमान तो होते हैं नेता,
इंसान होती है तमाम आवाम!
कौमी एकता की मिसाल हैं!
डॉ साहब आप कमाल हैं!
आशीष
--
अब मैं ट्विटर पे भी!
https://twitter.com/professorashish
है योमे अष्टमी दिल पर खुशी सी छाई है
ReplyDeleteकिशन के जन्म की सब को बहुत बधाई है
मेरी ओर से भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई.
बहुत सुंदर गज़ल कही है
छिटक के गिर गयी ज़ंजीर खुल गये ताले
पिता की गोद में जल्वा किशन कन्हाई है
शानदार , ख़ूबसूरत,कमाल वाह वाह ..
.
ReplyDeleteछिटक के गिर गयी ज़ंजीर खुल गये ताले
पिता की गोद में जल्वा किशन कन्हाई है
Mind blowing creation !
zealzen.blogspot.com
..
nice post and nice gazal, waah waah.
ReplyDeletegoodddddddddd
ReplyDeletebahut achhi kavita...
ReplyDeleteDownload Direct Hindi Music Songs And Ghazals
great work.....
ReplyDeleteआपको भी बधाई।
ReplyDeleteअजमल भाई, बहुत दिनों से आपकी नई पोस्ट नहीं आई।
ReplyDeleteक्या कारण है भाई।
---------
मन की गति से सफर...
बूझो मेरे भाई, वृक्ष पहेली आई।
नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteआशा है इस ब्लॉग पर कुछ नया नए साल में पढ़ने को मिलेगा .
Very informative, keep posting such good articles, it really helps to know about things.
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