Saturday, July 3, 2010
गज़ल - दाता जल दे
दाता जल दे
थोडा कल दे.
क्यों है गरमी
कुछ तो हल दे .
जलता तन है
जल शीतल दे.
बरसें बादल
तू वो पल दे.
है तू पालक
तो फिर बल दे.
तुझ को पूजा
तू अब फल दे .
दे दे अब ही
या तू कल दे .
महके धरती
जीवन चल दे .
कल-चैन(आराम) , पालक- पालनेवाला(GOD)
अब-आज या अभी, कल- Tomorrow
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