Thursday, September 2, 2010

ग़ज़ल-जन्माष्टमी......

है योमे अष्टमी दिल पर खुशी सी छाई है

किशन के जन्म की सब को बहुत बधाई है



हुआ है मुज़्तरिब बातिल उदास रह्ता है

कज़ा के खौफ ने दिल मे जगह बनाई है



छिटक के गिर गयी ज़ंजीर खुल गये ताले

पिता की गोद में जल्वा किशन कन्हाई है



योमे- दिन  ,  अष्टमी- आठवीं  (योमे अष्टमी -   जन्माष्टमी)   ,
मुज़्तरिब- बेचैन ,       बातिल- जो सत्य न हो, झूठ, मिथ्या,
नियम-विरुद्ध,निकम्मा  (यहा पर कंस के लिये या उस्के कार्य के अर्थ में)
क़ज़ा- म्रत्यु ,      खौफ- डर,      जल्वा- विराजमान